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विद्या भारती की शिशुवाटिका संकल्पना

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जिस प्रकार 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात महाविद्यालय अध्ययन का स्थान है उसी प्रकार प्राथमिक से पूर्व शिशुवाटिका 3-5 वर्ष तक के बच्चों के लिए अध्ययन क स्थान है । शासकीय भाषा में इसे पूर्व प्राथमिक तथा सामान्य भाषा में इसे नर्सरी स्कूल या मोंटेसरी आदि स्कूल कहते हैं । परन्तु विद्या भारती ने इसे शिशुवाटिका का नाम दिया है । जन्म से 5 वर्ष तक की आयु की अवस्था को शिशु अवस्था कहा जाता है । इस अवस्था के बालक को शिशु नाम से सम्बोधित करते हैं । वाटिका का अर्थ है आनन्द , प्रमोदयुक्त विहार का स्थान । शिशुवाटिका एक विद्यालय होने के उपरांत एक शिशु शिक्षा पद्धति है । शिशु शिक्षा केवल मनोरंजन का विषय नहीं है और न ही औपचारिक शिक्षा का विषय  है । यह संस्कार का क्षेत्र है , जीवन विकास की नींव है , सम्पूर्ण जीवन यात्रा का महत्वपूर्ण खण्ड है । अतः हमें इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए । भारत में पांच वर्ष की आयु तक के बालक को विद्यालय में भेजने की प्रथा नहीं थी परंतु आज की भाग-दौड़ की जीवन शैली के चलते बालक को माता-पिता का संसर्ग प्राप्त नहीं होता तथा संय